Showing posts with label sahifae Sajjadia 57th dua (urdu tarjuma / translation in HINDI) by imam zainul abedin sayyade sajjad a.s. zainul eba a.s. ahlebait a.s. (haider alam). Show all posts
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Thursday, 20 September 2012

sahifa-e-kamila--sajjadia-57th-dua--urdu-tarjuma-in-hindi--by-imam-zainul-abedin-a.s




सत्तावनवीं दुआ
तज़ल्लुल व आजेज़ी के सिलसिले में हज़रत (अ0) की दुआ


ऐ मेरे आक़ा ऐ मेरे मालिक! तू आक़ा है, और मैं बन्दा, और बन्दे पर आक़ा के सिवा कौन रहम खाएगा। मेरे मौला, मेरे आक़ा! तू इज़्ज़त वाला है और मैं ज़लील और ज़लील पर इज़्ज़तदार के अलावा और कौन रहम करेगा। मेरे मालिक, मेरे मालिक! तू ख़ालिक़ है और मैं मख़लूक़ और मख़लूक़ पर ख़ालिक़ के सिवा कौन तरस खाएगा। मेरे मौला! मेरे मौला! तू अता करने वाला है और मैं सवाली और साएल पर अता करने वाले के अलावा कौन मेहरबानी करेगा। मेरे आक़ा! मेरे आक़ा तू फ़रयाद रस है और मैं फ़रियादी और फ़रियादी पर फ़रयादरस के अलावा कौन रहम करेगा। मेरे मालिक! मेरे मालिक! तू बाक़ी है और मैं फ़ानी और फ़ानी पर दाएम व जावेद के अलावा कौन रहम करेगा। मेरे मौला! मेरे मौला! तू ज़िन्दा है और मैं मुर्दा और मुर्दा पर ज़िन्दा के सिवा कौन तरस खाएगा। मेरे मालिक मेरे मालिक! तू ताक़तवर है है और मैं कमज़ोर और कमज़ोर पर ताक़तवर के अलावा कौन रहम करेगा। मेरे मौला! मेरे मालिक! तू ग़नी है और मैं तही दस्त। और तही दस्त पर ग़नी के अलावा कौन रहम खाएगा। मेरे आक़ा! मेरे आक़ा! तू बड़ा है और मैं छोटा और छोटे पर बड़े के सिवा कौन नज़रे शफ़क़्क़त करेगा। मेरे मौला! मेरे मौला! तू मालिक है और मैं ग़ुलाम और ग़ुलाम पर मालिक के सिवा कौन मेहरबानी करेगा।