Thursday 20 September 2012

sahifa-e-kamila--sajjadia-62nd-dua--urdu-tarjuma-in-hindi--by-imam-zainul-abedin-a.s



बारसठवीं दुआ
हफ़ते के सात दिनों में हज़रत (अ0) के पढ़ने की दुआएं
दुआए रोज़े यकशम्बा


उस अल्लाह के नाम से मदद मांगता हूं जिसके फ़ज़्ल व करम ही का उम्मीदवार हूं और जिसके अद्ल ही से अन्देशा है। उसी की बात पर मुझे भरोसा है और उसी की रस्सी से वाबस्ता हूं। ऐ अफ़ो व ख़ुशनूदी के मालिक! मैं तुझसे ज़ुल्म व जौर, ज़माने के इन्क़ेलाबात, ग़मों के पैहम हुजूम और नाज़िल होने वाली मुसीबतों से पनाह मांगता हूं और इस बात से के आख़ेरत का साज़ व सामान और ज़ादे राह मुहय्या करने से पहले ही मुद्दते हयात ख़त्म हो जाए और तुझ ही से उन चीज़ों की रहनुमाई चाहता हूं जिन में अपनी बहबूदी और दूसरों की फ़लाह व दुरूस्तगी का सामान हो और तुझ ही से मदद मांगता हूं उन बातों की जिनमें अपनी फ़लाह व कामरानी और दूसरे क

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