Thursday 20 September 2012

Sahifa-e-Kamila, Sajjadia 30th dua (urdu tarjuma in HINDI) by imam zainul abedin a.s.



तीसवीं दुआ
अदाए क़र्ज़ के सिलसिले में अल्लाह तआला से तलबे एआनत की दुआ

ऐ अल्लाह! मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और मुझे ऐसे क़र्ज़ से निजात दे जिससे तू मेरी आबरू पर हर्फ़ आने दे और मेरा ज़ेहन परेशान और फ़िक्र परागन्दा रहे और उसकी फ़िक्र व तदबीर में हमहवक़्त मशग़ूल रहूं। ऐ मेरे परवरदिगार! मैं तुझसे पनाह मांगता हूं क़र्ज़ के फ़िक्र व अन्देशे से और उसके झमेलों से और उसके बाएस बेख़्वाबी से तू मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और मुझे इससे पनाह दे। परवरदिगार! मैं तुझसे ज़िन्दगी में उसकी ज़िल्लत और मरने के बाद उसके वबाल से पनाह मांगता हूँ। तू मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और मुझे माल व दौलत की फ़रावानी और पैहम रिज़्क़ रसानी के ज़रिये इससे छुटकारा दे।

ऐ अल्लाह! मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और मुझे फ़ुज़ूल ख़र्ची और मसारेफ़ की ज़ियादती से रोक दे और अता व मेयानारवी के साथ नुक़्तए एतदाल पर क़ायम रख और मेरे लिये हलाल तरीक़ों से रोज़ी का सामान कर और मेरे माल का मसरफ़ उमूरे ख़ैर में क़रार दे और उस माल को मुझसे दूर ही रख जो मेरे अन्दर ग़ुरूर व तमकनत पैदा करे या ज़ुल्म की राह पर डाल दे या उसका नतीजा तुग़यान व सरकषी हो। ऐ अल्लाह दरवेषों की हम नषीनी मेरी नज़रों में पसन्दीदा बना दे और इतमीनान अफ़ज़ा सब्र के साथ उनकी रिफ़ाक़त इख़्तियार करने में मेरी मदद फ़रमा। दुनियाए फानी के माल में से जो तूने मुझसे रोक लिया है उसे अपने बाक़ी रहने वाले ख़ज़ानों में मेरे लिये ज़ख़ीरा कर दे और इससके साज़ व बर्ग में से जो तूने दिया है और उसके सर्द सामान में से जो बहम पहुंचाया है उसे अपने जवार (रहमत) तक पहुंचने का ज़ादे राह, हुसूले तक़रीब का वसीला और जन्नत तक रसाई का ज़रिया क़रार दे इसलिये के तू फ़ज़्ले अज़ीम का मालिक और सख़ी व करीम है।

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