Wednesday 8 February 2012

Sahifa-e-Kamila, Sajjadia 15th dua (urdu tarjuma in HINDI) by imam zainul abedin a.s.

पन्द्रहवीं दुआ
जब किसी बीमारी या कर्ब व अज़ीयत में मुब्तिला होते तो यह दुआ पढ़ते

ऐ माबूद! तेरे ही लिये हम्द व सपास है इस सेहत व सलामतीए बदन पर जिसमें हमेषा ज़िन्दगी बसर करता रहा और तेरे ही लिये हम्द व सपास है उस मर्ज़ पर जो अब मेरे जिस्म में तेरे हुक्म से रूनुमा हुआ है। ऐ माबूद! मुझे नही मालूम के इन दोनों हालतों में से कौन सी हालत पर तू षुक्रिया का ज़्यादा मुस्तहेक़ है और इन दोनों वक़्तों में से कौन सा वक़्त तेरी हम्द व सताइश के ज़्यादा लाएक़ है। आया सेहत के लम्हे जिनमें तूने अपनी पाकीज़ा रोज़ी को मेरे लिये ख़ुषगवार बनाया और अपनी रज़ा व ख़ुषनूदी और फ़ज़्ल व एहसान के तलब की उमंग मेरे दिल में पैदा की और उसके साथ अपनी इताअत की तौफ़ीक़ देकर उससे ओहदाबरा होने की क़ूवत बख़्षी या यह बीमारी का ज़माना जिसके ज़रिये मेरे गुनाहों को दूर किया और नेमतों के तोहफ़े अता फ़रमाए ताके उन गुनाहों का बोझ हल्का कर दे जो मेरी पीठ को गराँबार बनाए हुए हैं और उन बुराइयों से पाक कर दे जिनमें डूबा हुआ हूँ और तौबा करने पर मुतनब्बे कर दे और गुज़िष्ता नेमत (तन्दरूस्ती) की याददेहानी से (कुफ्राने नेमत के) गुनाह को महो कर दे और इस बीमारी के असना में कातिबाने आमाल मेरे लिये वह पाकीज़ा आमाल भी लिखते रहे जिनका न दिल में तसव्वुर हुआ था न ज़बान पर आए थे और न किसी अज़ो ने उसकी तकलीफ़ गवारा की थी। यह सिर्फ़ तेरा तफ़ज़्ज़ुल व एहसान था जो मुझ पर हुअ। ऐ अल्लाह! रहमत नाज़िल फ़रमा मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर और जो कुछ तूने मेरे लिये पसन्द किया है वही मेरी नज़रों में पसन्दीदा क़रार दे और जो मुसीबत मुझ पर डाल दी है उसे सहल व आसान कर दे और मुझे गुज़िष्ता गुनाहों की आलाइष से पाक और साबेक़ा बुराइयों को नीस्त व नाबूद कर दे और तन्दरूस्ती की लज़्ज़त से कामरान अैर सेहत की ख़ुषगवारी से बहराअन्दोज़ कर और मुझे इस बीमारी से छुड़ाकर अपने अफ़ो की जानिब ले और इस हालते उफ़तादगी से बख़्षिष व दरगुज़र की तरफ़ फेर दे और इस बेचैनी से निजात देकर अपनी राहत तक और इस षिद्दत व सख़्ती को दूर करके कषाइष व वुसअत की मन्ज़िल तक पहुंचा दे इसलिये के तू बे इस्तेहक़ाक़ एहसान करने वाला और गरांबहा नेमतें बख़्षने वला है और तू ही बख़्षिष व करम का मालिक और अज़मत व बुज़ुर्गी का सरमायादार है।

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