Thursday 12 January 2012

Sahifa-e-Kamila, Sajjadia 8th dua (urdu tarjuma in HINDI) by imam zainul abedin a.s.


  आठवीं दुआ

मुसीबतों से बचाव और बुरे एख़लाक़ व आमाल से हिफ़ाज़त के सिलसिले में हज़रत (अ0) की दुआ


ऐ अल्लाह! मैं तुझसे पनाह मांगता हुं हिर्स की तुग़यानी, ग़ज़ब की शिद्दत, हसद की चीरादस्ती, बेसब्री, क़नाअत की कमी, कज एख़लाक़ी, ख़्वाहिशे नफ़्स की फ़रावानी, असबीयत के ग़लबे, हवा व हवस की पैरवी, हिदायत की खि़लाफ़वर्ज़ी, ख़्वाबे ग़फ़लत (की मदहोशी) और तकल्लुफ़ पसन्दी से नीज़ बातिल को हक़ पर तरजीह देने, गुनाहों पर इसरार करने, मासियत को हक़ीर और इताअत को अज़ीम समझने, दौलतमन्दों के से तफ़ाख़ुर, मोहताजों की तहक़ीर और अपने ज़ेर दस्तों की बुरी निगेहदाश्त और जो हमसे भलाई करे उसकी नाशुक्री से और इससे के हम किसी ज़ालिम की मदद करें और मुसीबतज़दा को नज़रअन्दाज़ करें या उस चीज़ का क़स्द करें जिसका हमें हक़ नहीं या दीन में बे जाने बूझे दख़ल दें और हम तुझसे पनाह मांगते हैं इस बात से के किसी को फ़रेब देने का क़स्द करें या अपने आमाल पर नाज़ाँ हों और अपनी उम्मीदों का दामन फैलाएं और हम तुझसे पनाह मांगते हैं, बदबातनी और छोटे गुनाहों को हक़ीर तसव्वुर करने और इस बात से के शैतान हम पर ग़लबा हासिल कर ले जाए या ज़माना हमको मुसीबत में डाले या फ़रमानरवा अपने मज़ालिम का निशाना बनाए और हम तुझसे पनाह मांगते हैं फ़िज़ूलख़र्ची में पड़ने और हस्बे ज़रूरत रिज़्क़ के न मिलने से और हम तुझसे पनाह मांगते हैं दुश्मनों की सेमातत, हमचश्मों की एहतियाज, सख़्ती में ज़िन्दगी बसर करने और तोशए आख़ेरत के बग़ैर मर जाने से और तुझसे पनाह मांगते हैं बड़े तास्सुफ़, बड़ी मुसीबत, बदतरीन बदबख़्ती, बुरे अन्जाम, सवाब से महरूमी और अज़ाब के वारिद होने से। 

ऐ अल्लाह! मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा, और अपनी  हरमत के सदक़े में मुझे और तमाम मोमेनीन व मोमेनात को उन सब बुराइयों से पनाह दे। ऐ तमाम रहम करने वालों में सबसे ज़्यादा रहम करने वाले।

1 comment: